Mona Agarwal Biography ! पोलियो ने छीने दोनों पैर, नहीं मानी हार, और बन गई पैरा शूटर
राजस्थान के सीकर में जन्मी मोना का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी
2024 के पैरालिंपिक्स के लिए क्वालिफाई कर चुकी मोना का सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह एक मिसाल भी है
पोलियो से प्रभावित होने का संघर्ष
मोना जब सिर्फ 9 साल की थीं, तब उन्हें पोलियो हो गया था, जिसके कारण वे जीवनभर के लिए व्हीलचेयर पर निर्भर हो गईं।
खेलों में रुचि
मोना ने अपने खेल करियर की शुरुआत शॉट पुट और पावरलिफ्टिंग से की थी।
पैरा-शूटिंग में सफलता
2024 में न्यू दिल्ली में आयोजित WSPS पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता, जो उनके खेल करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
पारिवारिक जीवन
मोना अग्रवाल का पारिवारिक जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है। उनके पति, रविंद्र चौधरी, जो पहले व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी थे, एक दुर्घटना में सिर पर चोट लगने के बाद दो साल से रिकवरी प्रक्रिया में हैं।
मोना एक मां भी हैं और उनके दो बच्चे हैं - एक 3 साल का बेटा और एक 5 साल की बेटी।
प्रमुख उपलब्धियाँ
मोना की प्रमुख उपलब्धियों में WSPS पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप 2024 में जीता गया स्वर्ण पदक शामिल है